
ख़ुद को पहचान के देखे तो ज़रा ये दरिया,
भूल जाएगा समुंदर की तरफ़ जाना भी|
वसीम बरेलवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ख़ुद को पहचान के देखे तो ज़रा ये दरिया,
भूल जाएगा समुंदर की तरफ़ जाना भी|
वसीम बरेलवी