
इंसान ये समझें कि यहाँ दफ़्न ख़ुदा है,
मैं ऐसे मज़ारों की ज़ियारत नहीं करता|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
इंसान ये समझें कि यहाँ दफ़्न ख़ुदा है,
मैं ऐसे मज़ारों की ज़ियारत नहीं करता|
क़तील शिफ़ाई