फिर नशे में 4

मुझको कदम कदम पे भटकने दो वाइजों
तुम अपना कारोबार करो मैं नशे में हूँ|

फिर बेख़ुदी में हद से गुजरने लगा हूँ मैं
इतना न मुझ से प्यार करो मैं नशे में हूँ|

शाहिद कबीर