
सब का दिल हो अपने जैसा अनहोनी सी बात लगे,
’नक़्श’ यह क्या सोचा करते हो बैठ के अपने यारों में।
नक़्श लायलपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
सब का दिल हो अपने जैसा अनहोनी सी बात लगे,
’नक़्श’ यह क्या सोचा करते हो बैठ के अपने यारों में।
नक़्श लायलपुरी