
एक धुएँ का मर्ग़ोला सा निकला है,
मिट्टी में जब दिल बोने की कोशिश की|
गुलज़ार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
एक धुएँ का मर्ग़ोला सा निकला है,
मिट्टी में जब दिल बोने की कोशिश की|
गुलज़ार