
मैंने ऐ सूरज तुझे पूजा नहीं समझा तो है,
मेरे हिस्से में भी थोड़ी धूप आनी चाहिए|
राहत इंदौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मैंने ऐ सूरज तुझे पूजा नहीं समझा तो है,
मेरे हिस्से में भी थोड़ी धूप आनी चाहिए|
राहत इंदौरी
सूरज को चोंच में लिए मुर्ग़ा खड़ा रहा,
खिड़की के पर्दे खींच दिए रात हो गई|
निदा फ़ाज़ली
ये सदी धूप को तरसती है,
जैसे सूरज को खा गया कोई|
कैफ़ी आज़मी
अपने साए को इतना समझाने दे,
मुझ तक मेरे हिस्से की धूप आने दे|
वसीम बरेलवी
ऊँची इमारतों से मकां मेरा घिर गया,
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए|
जावेद अख़्तर