
ओढ़े हुए तारों की चमकती हुई चादर,
नद्दी कोई बल खाए तो लगता है कि तुम हो|
जाँ निसार अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ओढ़े हुए तारों की चमकती हुई चादर,
नद्दी कोई बल खाए तो लगता है कि तुम हो|
जाँ निसार अख़्तर