
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी,
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का|
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अगर पलक पे है मोती तो ये नहीं काफ़ी,
हुनर भी चाहिए अल्फ़ाज़ में पिरोने का|
जावेद अख़्तर