
वो दिल से कम ज़बाँ ही से ज़ियादा बात करता था,
जभी उसके यहाँ गहराई कम वुसअ’त ज़ियादा थी|
राजेश रेड्डी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो दिल से कम ज़बाँ ही से ज़ियादा बात करता था,
जभी उसके यहाँ गहराई कम वुसअ’त ज़ियादा थी|
राजेश रेड्डी