
मिरे जुनून-ए-परस्तिश से तंग आ गए लोग,
सुना है बंद किए जा रहे हैं बुत-ख़ाने|
कैफ़ी आज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मिरे जुनून-ए-परस्तिश से तंग आ गए लोग,
सुना है बंद किए जा रहे हैं बुत-ख़ाने|
कैफ़ी आज़मी
जब हक़ीक़त है के हर ज़र्रे में तू रहता है,
फिर ज़मीं पर कहीं मस्जिद कहीं मंदिर क्यूँ है|
सुदर्शन फाक़िर