
घर वालों को ग़फ़लत पे सभी कोस रहे हैं,
चोरों को मगर कोई मलामत नहीं करता|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
घर वालों को ग़फ़लत पे सभी कोस रहे हैं,
चोरों को मगर कोई मलामत नहीं करता|
क़तील शिफ़ाई