
ये किसका दस्तख़त है, बताए कोई मुझे,
मैं अपना नाम लिख के अँगूठे-सा दंग हूँ |
सूर्यभानु गुप्त
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ये किसका दस्तख़त है, बताए कोई मुझे,
मैं अपना नाम लिख के अँगूठे-सा दंग हूँ |
सूर्यभानु गुप्त