
ऐ मेरे हम-सफ़रों तुम भी थाके-हारे हो,
धूप की तुम तो मिलावट न करो छाँव में|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ऐ मेरे हम-सफ़रों तुम भी थाके-हारे हो,
धूप की तुम तो मिलावट न करो छाँव में|
क़तील शिफ़ाई