
दीवाना पूछता है ये लहरों से बार बार,
कुछ बस्तियाँ यहाँ थीं बताओ किधर गईं|
कैफ़ी आज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दीवाना पूछता है ये लहरों से बार बार,
कुछ बस्तियाँ यहाँ थीं बताओ किधर गईं|
कैफ़ी आज़मी