
ख़ुदकुशी करने की हिम्मत नहीं होती सब में,
और कुछ दिन अभी औरों को सताया जाए|
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ख़ुदकुशी करने की हिम्मत नहीं होती सब में,
और कुछ दिन अभी औरों को सताया जाए|
निदा फ़ाज़ली