
बदल रहे हैं कई आदमी दरिंदों में,
मरज़ पुराना है इसका नया इलाज भी हो|
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
बदल रहे हैं कई आदमी दरिंदों में,
मरज़ पुराना है इसका नया इलाज भी हो|
निदा फ़ाज़ली