
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी,
ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी|
फ़िराक़ गोरखपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी,
ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी|
फ़िराक़ गोरखपुरी