
मिरा ग़म रुला चुका है तुझे बिखरी ज़ुल्फ़ वाले,
ये घटा बता रही है कि बरस चुका है पानी|
नज़ीर बनारसी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मिरा ग़म रुला चुका है तुझे बिखरी ज़ुल्फ़ वाले,
ये घटा बता रही है कि बरस चुका है पानी|
नज़ीर बनारसी