
जो दूर दूर नहीं कोई दिल की राहों पर,
तो इस मरीज़ में जीने का हौसला क्यूँ है|
राही मासूम रज़ा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
जो दूर दूर नहीं कोई दिल की राहों पर,
तो इस मरीज़ में जीने का हौसला क्यूँ है|
राही मासूम रज़ा