
दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं,
सब अपने चेहरों पे दोहरी नक़ाब रखते हैं|
राहत इन्दौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दिलों में आग लबों पर गुलाब रखते हैं,
सब अपने चेहरों पे दोहरी नक़ाब रखते हैं|
राहत इन्दौरी