
ये गुल काग़ज़ हैं ये ज़ेवर हैं पीतल,
समझ में जब ये आ जाए तो कहना|
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ये गुल काग़ज़ हैं ये ज़ेवर हैं पीतल,
समझ में जब ये आ जाए तो कहना|
जावेद अख़्तर