
मेरे बच्चों में सारी आदतें मौजूद हैं मेरी,
तो फिर इन बद-नसीबों को न क्यूँ उर्दू ज़बाँ आई|
मुनव्वर राना
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मेरे बच्चों में सारी आदतें मौजूद हैं मेरी,
तो फिर इन बद-नसीबों को न क्यूँ उर्दू ज़बाँ आई|
मुनव्वर राना