
वो मेरा दोस्त है सारे जहाँ को है मालूम,
दग़ा करे वो किसी से तो शर्म आये मुझे।
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो मेरा दोस्त है सारे जहाँ को है मालूम,
दग़ा करे वो किसी से तो शर्म आये मुझे।
क़तील शिफ़ाई