दीवाने आए हैं क्या क्या!

उठा के सर मुझे इतना तो देख लेने दे,
कि क़त्ल-गाह में दीवाने आए हैं क्या क्या|

कैफ़ी आज़मी

यहाँ रात जगाने नहीं आते!

दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है,
अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते|

बशीर बद्र

तन्हा हूँ तो कोई नहीं आने वाला!

तेरे होते हुए आ जाती थी सारी दुनिया,
आज तन्हा हूँ तो कोई नहीं आने वाला|

अहमद फ़राज़