
तुम्हारा घर भी इसी शहर के हिसार में है,
लगी है आग कहाँ क्यूँ पता किया जाए|
निदा फ़ाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तुम्हारा घर भी इसी शहर के हिसार में है,
लगी है आग कहाँ क्यूँ पता किया जाए|
निदा फ़ाज़ली