
इक तो हम को अदब आदाब ने प्यासा रक्खा,
उस पे महफ़िल में सुराही ने भी गर्दिश नहीं की|
अहमद फ़राज़
आसमान धुनिए के छप्पर सा
इक तो हम को अदब आदाब ने प्यासा रक्खा,
उस पे महफ़िल में सुराही ने भी गर्दिश नहीं की|
अहमद फ़राज़