
भरी दुनिया में जी नहीं लगता,
जाने किस चीज़ की कमी है अभी|
नासिर काज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
भरी दुनिया में जी नहीं लगता,
जाने किस चीज़ की कमी है अभी|
नासिर काज़मी
सब उसी के हैं हवा, ख़ुश्बू, ज़मीनो-आसमाँ,
मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा|
बशीर बद्र