
आज फिर टूटेंगी तेरे घर की नाज़ुक खिड़कियाँ,
आज फिर देखा गया दीवाना तेरे शहर में|
कैफ़ी आज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
आज फिर टूटेंगी तेरे घर की नाज़ुक खिड़कियाँ,
आज फिर देखा गया दीवाना तेरे शहर में|
कैफ़ी आज़मी