
तेज़ हवा ने मुझ से पूछा,
रेत पे क्या लिखते रहते हो|
मोहसिन नक़वी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तेज़ हवा ने मुझ से पूछा,
रेत पे क्या लिखते रहते हो|
मोहसिन नक़वी
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो,
आँख सच बोलती है प्यार छुपाया न करो।
मोहसिन नक़वी