Category: Uncategorized
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देख रहा है भोला चाँद!
मेरे मुँह को किस हैरत से, देख रहा है भोला चाँद| परवीन शाकिर
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कितना कच्चा चाँद!
मेरी करवट पर जाग उठ्ठे, नींद का कितना कच्चा चाँद| परवीन शाकिर
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घूम रहा है तन्हा चाँद
यादों की आबाद गली में, घूम रहा है तन्हा चाँद| परवीन शाकिर
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सहमा सहमा चाँद!
किस मक़्तल से गुज़रा होगा, इतना सहमा सहमा चाँद| परवीन शाकिर
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रात हुई, निकला चाँद
दिन में वहशत बहल गई, रात हुई और निकला चाँद| परवीन शाकिर
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शब और ऐसा चाँद!
पूरा दुख और आधा चाँद, हिज्र की शब और ऐसा चाँद| परवीन शाकिर
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मैं समर्पित-बीज सा!
आज मैं श्रेष्ठ हिन्दी गीत कवि श्री बुद्धिनाथ मिश्र जी का एक नवगीत प्रस्तुत कर रहा हूँ| उनकी कुछ रचनाएँ मैंने पहले भी शेयर की हैं| लीजिए आज प्रस्तुत है श्री बुद्धिनाथ मिश्र शुक्ल जी का यह नवगीत – मैं वहीं हूँ जिस जगह पहले कभी था लोग कोसों दूर आगे बढ़ गए हैं ।…
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मेरे ये ग़ज़ल के मिसरे!
दर-ओ-दीवार हैं मेरे ये ग़ज़ल के मिसरे, क्या सुख़न-वर से सुख़न-वर का पता पूछता है| राजेश रेड्डी
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बात बदल देता हूँ!
मुस्कुराते हुए मैं बात बदल देता हूँ, जब कोई मुझ से मिरे घर का पता पूछता है| राजेश रेड्डी
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ढूँडते रहते हैं सब लोग!
ढूँडते रहते हैं सब लोग लकीरों में जिसे, वो मुक़द्दर भी सिकंदर का पता पूछता है| राजेश रेड्डी