
सौ दुखों का सितार हर चेहरा,
तार पर तार कस रहा है ख़ून|
सूर्यभानु गुप्त
A sky full of cotton beads like clouds
सौ दुखों का सितार हर चेहरा,
तार पर तार कस रहा है ख़ून|
सूर्यभानु गुप्त
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