
भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता,
चाँद अकेला है तो सबका लगता है|
वसीम बरेलवी
A sky full of cotton beads like clouds
भीड़ में रह कर अपना भी कब रह पाता,
चाँद अकेला है तो सबका लगता है|
वसीम बरेलवी
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