
जो तिरे दिल को लुभाए वो अदा मुझ में नहीं,
क्यूँ न तुझ को कोई तेरी ही अदा पेश करूँ|
साहिर लुधियानवी
A sky full of cotton beads like clouds
जो तिरे दिल को लुभाए वो अदा मुझ में नहीं,
क्यूँ न तुझ को कोई तेरी ही अदा पेश करूँ|
साहिर लुधियानवी
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