
मैं ग़ज़ल की शबनमी आँख से ये दुखों के फूल चुना करूँ,
मिरी सल्तनत मिरा फ़न रहे मुझे ताज-ओ-तख़्त ख़ुदा न दे|
बशीर बद्र
A sky full of cotton beads like clouds
मैं ग़ज़ल की शबनमी आँख से ये दुखों के फूल चुना करूँ,
मिरी सल्तनत मिरा फ़न रहे मुझे ताज-ओ-तख़्त ख़ुदा न दे|
बशीर बद्र
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